Reimagining Museums In India

“Reimaginingmuseumsinindia.com” और “BharatGhume” का विलय एक अनूठी पहल है जो भारत के संग्रहालयों और यात्रा संस्कृति के बीच की खाई को पाटने का प्रयास करता है। इस विलय का मुख्य उद्देश्य संग्रहालयों की समृद्ध विरासत और विविधता को यात्रा और पर्यटन के संदर्भ में पेश करना है, ताकि यात्री भारत के इतिहास और संस्कृति को गहराई से समझ सकें। “Reimaginingmuseumsinindia.com” जो कि संग्रहालयों को नए तरीके से प्रस्तुत करने के लिए समर्पित है, और “BharatGhume”, जो भारतीय स्थलों के यात्रा मार्गदर्शिकाओं को प्रदान करता है, मिलकर एक ऐसा मंच बनाएंगे जहाँ यात्रियों को न केवल यात्रा की जानकारी मिलेगी बल्कि उन्हें संग्रहालयों के जरिए भारत की कला, इतिहास और संस्कृति की गहराईयों का अनुभव भी होगा। यह विलय दोनों प्लेटफार्मों के लिए अधिक दर्शकों और अधिक संवाद की संभावनाओं को खोलेगा, साथ ही संग्रहालयों की यात्रा के महत्व को भी बढ़ाएगा।

Reimagining Museums In India
Reimagining Museums In India

Reimagining Museums In India क्या है?

“Reimagining Museums in India” एक विशेष प्रकार का ग्लोबल समिट है जिसे भारतीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया था। यह सम्मेलन 15-16 फरवरी, 2022 को आयोजित हुआ था और इसका उद्घाटन संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने किया था। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारतीय संग्रहालयों को पुनः कल्पित करने की प्राथमिकताओं और प्रथाओं पर चर्चा करना था। यह ब्लूमबर्ग के सहयोग से आयोजित किया गया और इसमें 25 म्यूज़ियोलॉजिस्ट और म्यूज़ियम प्रोफेशनल्स ने भाग लिया था। यह समिट वर्चुअल रूप में आयोजित की गई थी और इसमें चार मुख्य थीम्स थे: आर्किटेक्चर और फ़ंक्शनल ज़रूरतें, प्रबंधन, संग्रह संरक्षण और शिक्षा और दर्शक संलग्नता। इस समिट का लक्ष्य भारत के संग्रहालयों को विकसित करने के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और रणनीतियों पर चर्चा करना था।

Reimagining Museums In India कब ओर कहाँ आयोजित हुआ था?

“Reimagining Museums in India” सम्मेलन 15 और 16 फरवरी, 2022 को आयोजित किया गया था। यह वर्चुअल सम्मेलन भारत के संस्कृति मंत्रालय द्वारा, ब्लूमबर्ग के सहयोग से, ऑनलाइन आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय पेशेवरों के बीच रणनीतिक साझेदारियों को बढ़ावा देना और संग्रहालय विकास और नवीनीकरण के लिए एक ढांचा तैयार करना था।

Reimagining Museums In India किसने आयोजित किया था?

“Reimagining Museums in India” सम्मेलन का आयोजन भारतीय संस्कृति मंत्रालय ने किया था। यह सम्मेलन ब्लूमबर्ग के सहयोग से आयोजित हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य भारत के संग्रहालयों को पुनः परिकल्पित करने की रणनीतियों और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा करना था, और यह भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को मनाने वाले कार्यक्रम ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत आयोजित किया गया था।

Reimagining Museums In India के आयोजन का किया उद्देश्य था?

“Reimagining Museums in India” सम्मेलन का उद्देश्य भारतीय संग्रहालयों के विकास और प्रबंधन के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं और रणनीतियों पर चर्चा करना था। यह सम्मेलन ‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित किया गया था, जो भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ को मनाने का एक ध्वजांकित कार्यक्रम है। सम्मेलन में वास्तुकला और कार्यात्मक आवश्यकताएं, प्रबंधन, संग्रह क्यूरेशन और संरक्षण प्रथाएं, और शिक्षा और दर्शकों की सगाई जैसे विषयों पर चार मुख्य विषयों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। इसका मुख्य लक्ष्य भारतीय और अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय पेशेवरों के बीच रणनीतिक साझेदारियों को बढ़ावा देना और संग्रहालय विकास और नवीनीकरण के लिए एक ढांचा तैयार करना था।

Reimagining Museums In India के सम्मेलन में स्पीकर कौन थे?

“Reimagining Museums in India” सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित वक्ता शामिल थे, जिनमें Alberto Garlandini (अध्यक्ष, ICOM), Webber Ndoro (महानिदेशक, ICCROM), और Govind Mohan (सचिव, संस्कृति मंत्रालय, भारत) शामिल थे। अन्य वक्ताओं में Vinod Daniel (बोर्ड सदस्य, ICOM), Abhishek Poddar (संस्थापक, म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट एंड फोटोग्राफी), और Manuel Rabate (निदेशक, लूवर अबू धाबी) शामिल थे। इसके अलावा, Sabyasachi Mukherjee (महानिदेशक, CSMVS), Deborah Swallow (निदेशक, Courtauld Institute of Art), और Alka Pande (कला सलाहकार और क्यूरेटर, इंडिया हैबिटेट सेंटर) ने भी भाग लिया। इस सम्मेलन में कई अन्य अंतरराष्ट्रीय और भारतीय संग्रहालय पेशेवरों ने भी भाग लिया और अपने विचार साझा किए।

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